मनुष्य पर्याय है बहुत कीमती:- गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी
मनुष्य पर्याय है बहुत कीमती:- गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी
प. पू. भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका गुरु मां विज्ञाश्री माताजी एवं पट्टाचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ नारियल खेड़ा भोपाल में विराजमान है । पंचकल्याणक महोत्सव के दुसरे दिन जन्म कल्याणक महोत्सव बड़े हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। भगवान के जन्मोत्सव के पश्चात घट यात्रा का कार्यक्रम हुआ। सौधर्म इंद्र द्वारा पांडुक शिला पर तीर्थंकर बालक का जन्माभिषेक किया गया।
पूज्य माताजी ने पंचकल्याणक का महत्व समझाते हुए कहा कि – गर्भ , जन्म तप के कष्ट अब नहीं होने का नाम कल्याणक है ।
मनुष्य पर्याय मावा है इस मावा में व्यापारी बनके आटा मिलाओगे तो चोर कहलाओगे और नरक निगोद जाओगे । लेकिन हलवाई बनकर मावा में आटा मिलाओगे तो कलाकार कहलाओगे और स्वर्ग मोक्ष रुपी संपदा पाओगे। जिस प्रकार दुपट्टा कम कीमत में मिलता है पर यदि वह सिर पर ओढ़ लिया जाये तो लाखों की कीमत का हो जाता है। उसी प्रकार यह मनुष्य तन मिला है। यदि इससे संयम धारण कर लिया तो भवों भवों के दु:खों से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। और इसी से पाप करके नरक निगोद पहुंच सकते। यदि अपने जीवन का कल्याण करना है तो धर्म पुरुषार्थ करके मोक्ष पुरुषार्थ को प्राप्त करें।