🙏 मैत्री विचार 🙏 – 🙏 श्रुत पंचमी पर्व 🙏
🙏 • मैत्री विचार • 🙏
• श्रुत पंचमी पर्व •
• मुनिश्री क्षमासागर जी •
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आज श्रुत पंचमी का पावन अवसर है। “श्रुत” अर्थात “सुना हुआ”। आज के ही दिन आचार्य परम्परा से चला आ रहा ज्ञान आचार्य धरसेन स्वामी ने आचार्य पुष्पदंत और आचार्य भूतबली महाराज को प्रदान किया था और इन मुनिराज द्वारा मौखिक ज्ञान को लिपिबद्ध करके हम पर अनंत उपकार किया गया।
आज मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज हमें श्रुत पंचमी की कथा सुनाकर इसके महत्व को तो समझा ही रहे हैं, साथ ही मुनिश्री जी हमें वास्तविक ज्ञान का भी बोध करवा रहे हैं।
मुनिश्री जी कहते हैं — जो हमारी आत्मा को निर्मल करे, हमें आत्मकल्याण के लिए प्रेरित करे वही ज्ञान *वास्तविक ज्ञान* है।
आगे मुनिश्री जी समझाते हैं कि — ज्ञान जब तक आचरण में नहीं आता है, तब तक वह केवल एक *जानकारी* होती है, वह हमारे किसी उपयोग का नहीं होगा, उससे हमारा कोई लाभ नहीं है।
ज्ञान तो वही सार्थक होता है — जिसको प्राप्त कर लेने के बाद हम अपने जीवन को और बेहतर बना पाए।
अंत में मुनिश्री जी प्रेरणा दे रहे हैं कि — हमें भी बाहरी चकाचौंध में भटकाने वाले ज्ञान से सावधान रहकर ऐसे ज्ञान को प्राप्त करना चाहिए जो हमारे जीवन को निर्मल बनाए।
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📹 https://youtu.be/BaMKuUMV93A
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📅 31-05-2025
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