महावीर जन्म कल्याणक दिवस के आयोजन के नाम पर राजनीती का तांडव
दिनांक: 22/04/2024
😴जैन समाज चिंतन करें 😴
👁️👁️👁️👁️👁️👁️👁️
🔸महावीर जन्म कल्याणक दिवस के आयोजन के नाम पर राजनीती का तांडव👇
🌹तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक दिवस (उदघाटन समारोह) तारीख 21/04/2024 को दिल्ली में किया गया आयोजन राजनितिक खेल की स्पष्ट झलक दिखा रहा था। कुछ साधु साध्वियां खुले तौर पर भगवान महावीर के सिद्धांतों का उल्लंघन करते नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा था की ये जैन साधु संत एक विशेष राजनीतिक दल का प्रचार प्रसार कर रहे हो। हद तो तब हो गई जब एक संत ने मोदी जी को “चक्रवर्ती” की पदवी दे डाली।
जैन धर्म के अनुसार यह पांचवा आरा चल रहा है। इसे दु:खम आरा भी कहा जाता है। किसी भी आचार्य या साधु को किसी भी व्यक्ति को चक्रवर्ती पदवी देना उस साधु के दीक्षा के समय लिए गए नियमों (महाव्रत, समिती, गुप्ति) का घोर उल्लंघन है तथा भगवान महावीर के सिद्धांतों का घोर अपमान ही नहीं अतिक्रमण भी है।
इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों को राजनीती में बदलना समाज के ऊपर तमाचा है। राग द्वेष का पोषण है। ऐसे धार्मिक आयोजनों को राजनीतीक रंग देना आने वाले समय में जैन समाज की एकता में बाधक सिद्ध होगा। जिस पावन आयोजन में भगवान महावीर के जय जयकार के नारे लगने चाहिए वहां राजनीतीक बातें और किसी विशेष नेता के नाम के नारे लग रहे थे।
🔹प्रश्न यह है की आज जैन समाज के कुछ साधु संत साधु की वेशभूषा में लोगों को गुमराह कर समाज में द्वेष तो नहीं फैला रहे हैं ? भगवान महावीर के सिद्धांतों का निजी स्वार्थ के लिए दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हैं ? समय रहते श्रावक समाज को जागना होगा और ऐसे मात्र वेशधारी साधु संतों से समाज को चौकन्ना रहना होगा और भगवान महावीर के शासन को बचाना होगा।।
😴नोट:- जैन धर्म में चक्रवर्ती किसे माना गया है:-👇
🌹जैन धर्म में 63 शलाकापुरुष बताए गए हैं उस में चक्रवर्ती शलाकापुरुष का एक प्रकार है। भरत क्षेत्र के छः खण्ड भूमि का स्वामी, सार्वभौम सम्राट, इसका अस्त्र है चक्र। चक्री चालीस लाख अष्टापद की शक्ति से युक्त होता है वो चक्रवर्ती होता है।।
🔹विषेश:- जैन साधु वो है जो भगवान महावीर की आज्ञा में रहे और महाव्रत, समिती और गुप्ति (जिसकी साधु के लिए पालना करना अनिवार्य है) का उल्लंघन न करे।।
🌹जय जिनेन्द्र🌹🙏
🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
🌷कैलाश राज सिंघवी (जैन)🌷
🌻एक पथ-एक पंथ🌻
मोबाइल: 94141 29161
जोधपुर (राजस्थान)
🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹