महत्वपूर्ण सूचना: जनगणना के सन्दर्भ में
“धर्म के कॉलम में ‘जैन’ लिखें, और जाति के कॉलम में जैन की 84 जातियों में से उपयुक्त जाति का उल्लेख करें, जैसे—कासार, पोरवाल, ओसवाल, बोगार, खंडेलवाल आदि। जैन धर्म स्वयं एक आध्यात्मिक मार्ग है, न कि जाति।”
कुछ जैन जातियों को *ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग)* का दर्जा मिला है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं और आरक्षण का लाभ मिल सकता है।
यदि धर्म के साथ जाति का उल्लेख किया जाता है, तो यह प्रशासनिक स्तर पर पहचान को प्रभावित कर सकता है। ओबीसी दर्जा प्राप्त करने के लिए जाति का स्पष्ट उल्लेख आवश्यक होता है, क्योंकि आरक्षण और अन्य सुविधाएँ जाति-आधारित वर्गीकरण पर निर्भर करती हैं।
जैन समुदाय को पहले से *अल्पसंख्यक दर्जा* प्राप्त है, जिससे उन्हें कई विशेष अधिकार और सुविधाएँ मिलती हैं! लेकिन ओबीसी दर्जा जाति-विशेष पर लागू होता है, न कि पूरे जैन धर्म पर। इसलिए, यदि कोई जाति ओबीसी सूची में शामिल है, तो उसे जाति के कॉलम में स्पष्ट रूप से लिखना आवश्यक होगा।
उदाहरण:
– धर्म: जैन
– जाति: खंडेलवाल, कासार, ओसवाल आदि (अपनी जाति का उल्लेख जाति कॉलम में करें।)
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MissionJainism
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महेश जैन
ग्लोबल महासभा