नवपद आराधना और आयंबिल ओली
🔹 आ – आगम के पूर्ण स्वरूप का जो कोई अर्क (निष्कर्ष) निकालना चाहे तो वो एक ही आता है : नवपद की आराधना ।
🔹 यं – यम , नियम , ध्यान से भी आगे बढ़ा जा सकते पर केंद्र हो नवपद तो ही खुद (आत्मा) को जान सकते है और मोक्षमार्ग पर जा सकते है ।
🔹 बि – बीज अगर बोयेंगे बोधि का तो ही वृक्ष उगेगा मोक्ष का , और मार्ग मिलेगा सिद्धि का ।
🔹 ल – लगेगी लगन प्रभु भक्ति की और नवपद जी की तभी पार होएगा ७ राजलोक का अंतर ।
🚩 शाश्वती आयंबिल की ओली या छूटे आयंबिल की तपस्या करने वाले भव्यात्माओ शाता में रहना ।🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
आयंबील ओली कल से प्रारंभ हो रही है जो भी
श्रावक श्राविका आयम्बिल नही कर सकते वे साधर्मिक
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➊ पहली चपाती (रोटी )लूखी खाएं 🙏
➋ भोजन के बाद थाली धोकर पानी पीये🙏
➌ कम से कम द्रव्य से भोजन करें
➍ प्रतिदिन 1 विगई का त्याग करें 🙏
➎ तपस्वी की अनुमोदना करना नहीं भूलें🙏
➏ आहार संज्ञा पर रोक लगाएं ।🙏
👇 भाव से भी पाप न करें और न ही पाप की अनुमोदना करें ।🙏
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ये छोटे छोटे नियम से ही हम त्याग मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं।👏