तमिलनाडु के जैन समाज के लिए जागृति का आह्वान

।।🌹 तमिलनाडु के जैन समाज के लिए जागृति का आह्वान 🌹।।
मुझे यह जानकर अत्यंत आश्चर्य एवं दुख हुआ कि मद्रास उच्च न्यायालय के अनुसार तमिलनाडु के 17 जैन मंदिर वर्तमान में हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती बोर्ड (HR&EB) के अधिकार क्षेत्र में हैं।
यह सर्वविदित है कि जैन धर्म एक स्वतंत्र अल्पसंख्यक धर्म है, जो हिंदू धर्म से पूरी तरह अलग है। इसकी अपनी विशिष्ट परंपराएँ, आगम और धार्मिक अनुष्ठान हैं। इन 17 मंदिरों को जैन समाज के प्रशासन के अधीन लाया जाना आवश्यक है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां की पूजा, अनुष्ठान और परंपराएँ जैन आगमों के अनुसार ही संचालित हों।

इसी बीच, मुझे यह समाचार भी प्राप्त हुआ है कि पिछले तीन महीनों में 6 (छह) और जैन मंदिरों को HR&EB के तहत ले लिया गया है। कुछ जैन समाज के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए पत्र लिखे हैं, लेकिन HR&EB की ओर से अभी तक कोई उत्तर नहीं मिला है।

यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि इन मंदिरों में किसी भी प्रकार के अनुचित अनुष्ठानों या रीति-रिवाजों का संचालन न होने दें, जो हमारे तीर्थंकरों और उनकी शिक्षाओं के प्रति अपमानजनक हो सकते हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि जागरूक हों, एकजुट हों, और हमारे मंदिरों की पवित्रता और अधिकार की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाएँ।

एन. सुगालचंद जैन चेन्नई
23-1-25.