श्रमण संघ के युवाचार्य महेन्द्र ऋषीजी

श्रमण संघ के युवाचार्य महेन्द्र ऋषीजीने विज्ञपती निकालकर कढ़ाई से साधु सन्तों के सानिध्य में स्टेज पर नाटक वह डांस पर रोक लगाई थी जो अपने गुरु कि आज्ञा का पालना नहीं करे वह असाधु है वंदनीय नहीं है उन्हें साधु मानना दोष लगता है एक बात ओर ध्यान देने योग्य है पैशेवर नर्तकी यो के अपने पेरवाश कपड़े का पुरा धयान रहता है उनका रोज का काम है ओर हमारी घर कि महीलाओं को यह सब ध्यान रहता नहीं कपड़ों का ओर बहुत बार उनकि किरी किरी हो तभी है शर्म से शरीर जुकाना पड़ता है

समाज जरूर चिन्तन करे हम क्या कर रहे हैं साधु ओके मनोरंजन के लिए अपनी इज्जत नशोवर कर रहे हैं। यह दुःख कि बात है