⏰ प्राचीन जैन धर्म स्थल – संरक्षण की आवश्यकता ⏰

⏰ प्राचीन जैन धर्म स्थल – संरक्षण की आवश्यकता ⏰

– CA सुरेश कोठारी

नमस्कार साथियों,

तमिलनाडु के मदुरई जिले में स्थित तिरुपरम कुंदरम नामक स्थान पर एक पहाड़ी है, जहां भगवान मुरूगन का विश्व प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। इस पहाड़ी पर दूसरी शताब्दी की कई प्राचीन ऐतिहासिक जैन गुफाएं भी मौजूद हैं।

⚠️ इन प्राचीन जैन गुफाओं पर संकट मंडरा रहा है:

  • जैन समाज द्वारा उपेक्षित इन गुफाओं पर मुस्लिम समाज ने कब्जा कर लिया है।
  • गुफाओं को हरे रंग में रंग दिया गया है।
  • इस पहाड़ी का नाम “सिकंदर पहाड़ी” रखने का प्रयास किया जा रहा है।
  • भगवान मुरगन के मंदिर के पास एक मजार है, जिसे मुस्लिम समाज अपनी संपत्ति बताने का दावा कर रहा है।
  • अब मुस्लिम समाज इस पहाड़ी को वक्फ की संपत्ति घोषित करने की मांग कर रहा है।

🚨 इस पूरे घटनाक्रम को सरकार का समर्थन मिल रहा है:

  • मुसलमानों द्वारा इस पवित्र पहाड़ी पर बकरे और मुर्गे की बलि दी जाती थी, जिसे न्यायालय ने रोका।
  • लेकिन उन्हें अब वहां पका हुआ मांस ले जाने की अनुमति मिल गई है।
  • 4 फरवरी को हिंदू समाज ने विरोध प्रदर्शन किया।
  • लेकिन जैन समाज ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
  • साथियों ये प्राचीन विरासत और धर्मस्थल ही हमें हमारे पूज्यनीय तीर्थंकरों से और हमारे धर्म गुरुओं से जोड़ते हैं ये अतीत से वर्तमान के मध्य एक सेतु का कार्य करते है अगर यह विरासत नष्ट होती गई तो हम हमारे स्वर्णिम अतीत से कटते जायेंगे ।
  • मुझे तो यह लगता है और मेरा यह सुझाव भी है कि आने वाले 15 – 20 सालों में मिशन मोड में हमारी इन विरासतों को संरक्षित करने का कार्य करना चाहिए और समाज का द्रव्य जो नए-नए धर्म स्थल बनाने में लग रहा है फिलहाल उसे रोक कर या उनमें से एक बड़ा हिस्से का सदुपयोग पुराने प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों की को संरक्षित और विकास में लगाना चाहिए ।
  • राजस्थान का कुंभलगढ़ का किला हमारी इस उपेक्षा का एक प्रमुख उदाहरण है उसमें लगभग 300 से अधिक प्राचीन जैन मंदिर है जो की उपेक्षा का शिकार है और आज वह विलुप्त होते जा रहे हैं ।
  • एक उदाहरण आप अयोध्या का भी ले सकते हैं जो कि हमारे प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव जी सहित पांच तीर्थंकरों की जन्मस्थली है लेकिन यह स्थान हमारे समाज द्वारा पूरी तरह उपेक्षा का शिकार है ।
  • साथियों अब समय आ चुका है कि हमें हमारी प्राथमिकताओं में बदलाव कर युद्ध स्तर पर हमारे प्राचीन ऐतिहासिक धर्म स्थलों को संरक्षित और विकसित करने का कार्य करना चाहिए ।
  • 🙏 आपकी प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों का स्वागत है।

    धन्यवाद

    CA सुरेश कोठारी

    📞 94252 46039

    📍 दुर्ग, छत्तीसगढ़

    📅 7 फरवरी 2025