मुनि श्री समतासागर महाराज ने वारासिवनी पंचकल्याणक के दूसरे दिवस गर्भ कल्याणक उत्तरार्ध पर प्रातःकालीन धर्म सभा के उदगार
( वारा सिवनी) “बच्चे देश का भविष्य होते है इन्ही बच्चों में कोई देश का प्रधानमंत्री बन सकता है,तो इन्हीं बच्चों में से देश का राष्ट्रपति” बन सकता है” उपरोक्त उदगार निर्यापक मुनि श्री समतासागर महाराज ने वारासिवनी पंचकल्याणक के दूसरे दिवस गर्भ कल्याणक उत्तरार्ध पर प्रातःकालीन धर्म सभा में व्यक्त किये।
(अविनाश जैन विद्यावाणी)
मुनि श्री ने आईडियल पव्लिक स्कूल एवं ऐकेडमिक हाईट्स पव्लिक स्कूल के बच्चों को सम्वोधित करते हुये कहा कि आप लोग अपने परिवार और नगर तथा देश का नाम तभी रोशन कर सकते है जब आप मोवाइल का सदुपयोग करें उसका मोवाइल गेम अथवा कार्टून फिल्म देखकर दुरुपयोग न करें अभक्ष्य बस्तुओं का सेवन न करें जीव दया अहिंसा तथा खानपान की शुद्धि का ध्यान रखें मुनि श्री ने कहा कि “जब कोई पुण्यशाली जीव उत्पन्न होता है तो वह अपना कल्याण तो करता ही है साथ ही साथ सारे जगत का कल्याण करता है”उन्होंने तीर्थंकर भगवंत के पावन प्रसंग को याद करते हुये कहा कि उन्होंने अपने जीवन का उद्धार तो किया ही है साथ ही साथ अपने जन्म दैने बाले माता पिता का भी उद्धार कर उनका सम्मान बड़ाया है। मुनि श्री ने बालक एवं बालिकाओं में बड़ रहे असंतुलन पर बात करते हुये कहा कि इसके लिये आजकल के मातापिता जबाबदार है जिन्होंने बालक एवं बालिकाओं में फर्क किया और आज स्थिति यह है कि आज कयी नयी युवकों के वैवाहिक सम्वंध नहीं हो पा रहे है संपूर्ण मानवजाति में बालक और बालिकाओं में असमानता आ गई है, उन्होंने सन्तान उत्पत्ति की दर घटने का मुख्य कारण विवाह में बड़ती उम्र और एकल परिवार की प्रवत्ति की ओर सभी का ध्यान आकृषित किया उन्होंने कहा कि आजकल की बेटियाँ संयुक्त परिवार में रहना ही नहीं चाहती वह अपने सास ससुर को भी परिवार का हिस्सा नहीं मानती जब कि माता पिता तो देवतुल्य है उनकी सेवा करना चाहिये जिससे उनका आशीर्वाद का प्रभाव उनकी संतान पर पड़ सके और वह सु संस्कृत और योग्य बन सकें। उन्होंने गर्भ कल्याणक के अवसर पर सभी गर्भस्थ माताओं को सम्वोधित करते हुये कहा कि इन नौ माह में आप अपने आचरण और व्यव्हार को ऐसा रखें कि उसका प्रभाव आने वाली संतान पर पड़ सके ।कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया ने करते हुये माता की गोद भराई की रस्म अदा कराई जिसमें सभी माताओं ने गोद भरते हुये बच्चे के सुखद भविष्य की कामना की।प्रवचन के पश्चात भगवान के माता पिता के घर से 3 गजराज एवम रथ तथा गाजे बाजो के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी एवम मुख्य कार्यक्रम पण्डाल में भगवान की माता की गोद भराई रश्म अदा की गयी ,एवं वेदी शुद्धि के लिये अष्ट कुमारी एवं प्रमुख पात्रों की इंद्राणी ने यात्रा प्रारम्भ कर नवीन मन्दिर तक निकाली तथा नवीन पाषाण जिनालय में वेदी तथा शिखर की शुद्धि मन्त्रों द्वारा की गई तत्पश्चात मूलनायक भगवान के सँस्कार नवीन जिनालय में सम्पन्न हुए, दोपहर में नन्हे मुन्ने बच्चों ने सुंदर और आकर्षक नृत्य धनोरा से आये श्रावको द्वारा “शरदपूनम के दो चंदा” जो कि आचार्य श्री विद्यासागरजी एवं आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के ऊपर आधारित था उसका नाट्य मंचन किया गयि एवम अन्य सांकृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए एवं शोभायात्रा के साथ महाआरती की गयी भगवान नाभिराय का राजदरबार लगा एवम माता के 16 स्वप्नों का वर्णन किया गया, इस अवसर पर ऐलक श्री निश्चयसागर महाराज ऐलक श्री निजानंद सागर महाराज सहित आर्यिका सौम्यमति माताजी एवं आर्यिका निष्काम मति माताजी संघ मंचासीन रहे।प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी एवं प्रचार प्रसार से जुड़े दीपक जैन ने बताया संघस्थ ब्र. अनूप भैया एवं रिंकु भैया मुनिभक्त सौरभ जैन,सुवोध भुसावल सहित बड़ी संख्या में श्रावक उपस्थित थे।कल प्रातःकाल 6ः30 बजे से मंगलाचरण एवं अभिषेक एवं शांतिधारा संपन्न होगी एवं मुनि श्री का मांगलिक प्रवचन के पश्चात दस बजे से जन्म कल्याणक का जुलूस निकाला जाऐगा जो कि पांडुकशिला तक आऐगा एवं सौधर्म इंद्र परिवार जन्माभिषेक करेंगे।
एवं दौपहर में सभी छोटे बच्चों को उपनयन संस्कार के साथ संस्कारित किया जाऐगा।आज इस अवसर पर वारासिवनी,तथा आसपास के शहरों से रायपुर छत्तीसगढ़ गोंदिया महाराष्ट्र तथा कटनी मध्यप्रदेश के श्रावक श्राविकाओं ने गुरु चरणों में श्री फल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।