क्या जैन समाज में वृद्ध सुरक्षित नहीं

क्या जैन समाज में वृद्ध सुरक्षित नहीं अथवा जिस व्यक्ति ने अपना जीवन समाज और परिवार के लिए लाग दिया उसे अपने अंतिम दिन वृद्ध आश्रम में रहने होगे
वृद्ध आश्रम के बजाए जैन तीर्थ सेवा में उन्हे जगह देनी चाहिए जिससे उनके मान सन्मान में कमी नही आए एवं उनके अनुभव का लाभ भी ट्रस्ट को मिल सके साथ उनके रहने के लिए सुविधा एवं वहाँ भोजन कि भी व्यवस्था हो जाए