इसी प्रकार का एक ग्रंथ नागपुर के संग्रहालय में रखा है इसके बारे में मुझे 2012 में पता चला था
इसी प्रकार का एक ग्रंथ नागपुर के संग्रहालय में रखा है इसके बारे में मुझे 2012 में पता चला था 2012 नागपुर प्रवास के दौरान हम पांच लोग एक स्थान पर गए थे जहां पर ग्रंथालय है जहां पर बहुत सारे ग्रंथ रखे हुए हैं जो पोद्दार जी के द्वारा संचालित है वहां पर बताया गया कि एक ग्रंथ जो कि जैन ग्रंथ है जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े व्यक्ति ने रास्ते से जा रहे थे तब उन्हें पुरानी पुस्तक जो बाजारों में बिकती है जमीन में कपड़े फैला कर उसके ऊपर सजाकर जो रखते हैं वैसा उन्होंने देखा उन्हें अचानक रुकने का मन हुआ वह रुक गए और वह ग्रंथ उन्होंने खरीद लिया 2 से ₹5 के आसपास जैसा घटना मुझे बताया गया मैं वैसा बता रहा हूं वह ग्रंथ आप पोद्दार संग्रहालय में है इस ग्रंथ में अभी तक 50000 श्लोक का डीकोड किया जा चुका है यह ग्रंथ जैन मुनि के द्वारा रचित है उन जैन मुनि का नाम में मुझे याद नहीं इसमें सवा लाख श्लोक बनते हैं यह चीज जब मैं आरोग्य भारती में जुड़ा था तो आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव ने मुझे बताया और वहां पांच लोगों के साथ मुझे लेकर गए थे
बस इस ग्रंथ में दो पाते उन दो पट्टियों को बदलने बदलने और आदत तिरछा करने से श्लोक नए- नए निकलते हैं यह अद्भुत चमत्कारिक तरीका है जो जैन मुनि के द्वारा रचित है
यहां नागपुर के पोद्दार संग्रह में शहर आज भी उपस्थित है