💃💃 जैन संत क्यों न बने❓❗❓ 💃💃
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🦯 श्वेतांबर जैन साधु – साध्वी “संत” महाराज साहब बनने के कई सारे ढेरों फायदे ( लाभ )
जैन मूर्ति पूजक श्वेतांबर साधु – संत बनने के अनैक फायदे जैसे
1)संत बनने के बाद ना कोई काम ना कोई झिकझिक,खाओ,पीओ और मौज करों,बैठे बिठाये गरमागरम भोजन जो इच्छा वो बनवाएं,जितना चाहे मीठा 🍪 खाएं,बिमारी में इलाज फ्री करवाएं,मोबाईल में बेलेंस खुद-ब-खुद आएं,उपर से धन मिले सो अलग,सुबह शाम झाडू पोछे,खाना बनाने से लेकर हर कार्य से मुक्ति,नयी नयी जगहो पर घूमना,सेवा चाकरी खुद कि करवानी,और ज्यादा दुःखी होने कि भी जरुरत नहीं मौके का फायदा उठाकर ठहाकें लगाते हुए बिना लाइसेंस गाडीयों में घूमना,जितने दिन चाहो एक ही जगह पर टिक+कर बैठ जाएं, श्रावकगण साहेबजी साहेबजी करेगा, ये है श्वेत वस्त्र धारी साधु जीवन जीने में आज के वर्तमान काल के आधुनिक फायदे
ना कोई इनकम टैक्स भरना , ना कोई सेल टैक्स भरना , ना कोई मालिक ना कोई सेठ… आजाद जिंदगी जीने का सुनहरा अवसर वर्तमान की दीक्षा जैसा अन्य कोई सुख नहीं… जिन्हें बड़े-बड़े राजनेता भी सलाम करते हैं___
गृहस्थियों के घर होते हैं 500 से 1000 स्क्वायर फीट के किंतु आधुनिक जैन साधुओं के उपाश्रय होते हैं 3 स्टार , 5 स्टार 5,000 से 10,000 स्क्वायर फीट के रहने केलिए आलीशान स्थान… जींस में अनपढ़ दो – चार क्लास पास या फैल बच्चे , युवा या वृद्ध पुरुष या महिलाएं भी दीक्षा लेकर के मौज शौक से अपना जीवन जी सकते हैं जिसमें किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं…
आज का विचार— ❗🤔
साधु बनना आसान है श्रावक बनना मुश्किल
100 में से 90 संत बैकार, 10 को कोई पुछता नहीं!🥱
धन्य है हम,और धन्य है हमारा श्वेतांबर मूर्ति पूजक और स्थानक जैन समाज
✒️…दीक्षा लेकर साधु बनकर जैन समाज पर राज करो , अंध भक्तों पर हुकुम ( हुकूमत ) चलाओ…
🙏🙏🙏
मुकेश आर मेहता खिमेल निवासी गोडवाड़ क्षेत्र