नाडोल में धर्मोत्सव बना हादसे का कारण

नाडोल में धर्मोत्सव बना हादसे का कारण, मंदिर परिसर में फटाके से श्राविका गंभीर रूप से झुलसी

पाली जिले के नाडोल कस्बे में शनिवार, 7 दिसंबर 2024 को जैन संघ नाडोल, श्री जैन संघ ट्रस्ट मंडल और श्री जैन सोशियल ग्रुप नाडोल-मुंबई द्वारा आयोजित गुरु मेला व ध्वजारोहण का धार्मिक आयोजन एक बड़े हादसे में बदल गया। मंदिर परिसर में फटाके (कलर ब्लास्टर) फोड़ने की वजह से एक 35 वर्षीय युवा श्राविका गंभीर रूप से झुलस गई। घटना के बाद उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन स्थिति नाजुक होने के कारण उसे जोधपुर रेफर करना पड़ा, जहां वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है। ध्वजारोहण के पावन अवसर पर बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं और जैन समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे, लेकिन कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए मंदिर परिसर में फटाके फोड़े गए। इन्हीं फटाकों की चिंगारी से श्राविका के कपड़ों में आग लग गई, जिससे वह 50% जल गई।

घटना के बाद भी धार्मिक कार्यक्रम को जारी रखा गया, जिसने समाज के लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया। स्थानीय लोगों और श्रावकों का कहना हैं कि आयोजकों ने न केवल लापरवाही बरती बल्कि संवेदनहीनता का परिचय देते हुए कुछ घंटों बाद फिर से फटाके फोड़े। समाज के कई सदस्यों ने आरोप लगाया हैं कि धार्मिक कार्यक्रम अब धर्म के आदर्शों की बजाय दिखावे और धन-प्रदर्शन का माध्यम बन गए हैं। पदाधिकारियों और आचार्य भगवंतों की उपस्थिति के बावजूद इस हादसे के बाद भी फटाके फोड़ने के कार्यक्रम को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना के बाद भी जलसा कार्यक्रम को जारी रहने दिया गया और किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय नागरिकों का कहना हैं कि पुलिस ने आयोजकों के प्रभाव में आकर अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरती। समाज के बुद्धिजीवियों का कहना हैं कि मंदिर परिसर में फटाके फोड़ने जैसी गतिविधियां जैन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और ऐसी लापरवाही न केवल सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हैं, बल्कि धर्म की गरिमा को भी ठेस पहुंचाती हैं।

झुलसी हुई श्राविका का जोधपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा हैं और डॉक्टरों ने उसकी स्थिति नाजुक बताई हैं। इस घटना ने न केवल नाडोल धर्म नगरी, बल्कि पूरे जैन समाज को झकझोर कर रख दिया हैं। स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन और पुलिस से घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए धार्मिक आयोजनों के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू किए जाने चाहिए। नाडोल में हुआ यह हादसा समाज के लिए आत्ममंथन का अवसर हैं। धर्म के नाम पर हो रहे आडंबर और दिखावे को रोकना आज की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है।🙏🙏