जैन दर्शन – ध्यान – वृक्ष- तीर्थंकर
दिल्ली में दीनदयाल उपाध्याय पार्क, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग में स्थित है। इस पार्क में चौबीस अलग-अलग प्रजाति के पेड़ है। इन प्रजाति के पेड़ो के नीचे तीर्थंकरो ने ध्यान किया हैं एवं उन्हें केवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। मोक्ष एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए ध्यान प्रक्रिया भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मैंने किसी भी दादावाडी एवं जैन धार्मिक स्थलों में तीर्थकरो के ध्यान में सहयोग करने वाले इन पेड़ों के बारे में न सुना है न देखा है।
No | तीर्थकरो | पेड़ों |
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1 | भगवान ऋषभनाथ | बरगद |
2 | अजितनाथ | सेमल |
3 | संभवनाथ | साल |
4 | अभिनंदन | चीर पाइन |
5 | सुमतिनाथ | प्रियांगु |
6 | पदम प्रभु | प्रियांगु |
7 | सुपार्श्वनाथ | सीरिस |
8 | चंद्रप्रभु | नाग केसर |
9 | सुविधिनाथ | बहेड़ा |
10 | शीतलनाथ | कल्पवृक्ष |
11 | श्रेयांसनाथ | तेंदु |
12 | वासु पूज्य | पटाला |
13 | विमलनाथ | जामुन |
14 | अनंत नाथ | पीपल |
15 | धर्म नाथ | विष्णुकांत |
16 | शांति नाथ | नंदी |
17 | कुंथु नाथ | तेंदु |
18 | अरनत नाथ | आम |
19 | मल्लीनाथ | अशोक |
20 | मुनीसुव्रत | नाग चंपा |
21 | नेमीनाथ | बकुला |
22 | अरिष्ट नेमी | कोकम |
23 | पार्श्वनाथ | धाऊ |
24 | वर्धमान महावीर | शाल |
कृपया संज्ञान लेवे। हमारे सभी धार्मिक स्थलों में, शिक्षण संस्थानों में, स्वास्थ्य संस्थानों में इन पेडों को विशेष रूप से लगाने का प्रयास करना चाहिए। उन पेडों के नीचे तीर्थंकर परिचय एवं उनके चिन्हों को भी मुख्य रूप में स्थान देना चाहिए। ताकि वर्तमान पीढ़ी एवं आने वाली पीढ़ी को भी जानकारी मिले। जैन दर्शन-जन जन दर्शन, पर्यावरण एवं सर्व जीवो का सम्मान करता है एवं तीर्थकरों ने भी उन्हें पूर्ण सम्मान दिया। मेरा सभी जैन धार्मिक स्थलों के ट्रस्टियों से निवेदन है कि पर्याप्त जगह होने पर तीर्थकरों से जुड़े हुए इन पवित्र वृक्षों का वृक्षारोपण करें उन वृक्षों के पास तीर्थकरों का संक्षिप्त विवरण देवे। ताकि उन स्थानों का दर्शन करने वाले बन्धुओं को , उन्हें देखकर मनमें जिज्ञासा उत्पन्न होगी एवं जैन दर्शन के विषय में जानकारी हासिल कर जैनत्त्व की ओर आगे बढ़ेगे।
एन. सुगालचंद जैन, चेन्नई
दिनांक : 26.11.2023