शुभकामनाओं का एक दीप हमारा भी स्वीकार करें

वो सुबह भी क्या सुबह थी-
जब महावीर मोक्ष पधारे थे-
वो शाम भी क्या शाम थी-
जब गौतम केवलज्ञान धारे थे

सम्पूर्ण ज्ञान दिया गौतम को
ज्ञान का दीप जलाने को
खुद सिद्धशिला जा विराजे
अविरल अनंत सुख पाने को

इस दीवाली जलाना एक ऐसा दिया
जो रोशन कर दे अपना जिया
जिससे हो जाए उजाला
बस सम्यक ज्ञान का

तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण महोत्सव
तथा
इन्द्रभूति गौतम गणधर जी के केवल ज्ञान प्रकट होने पर
कोटि कोटि नमन वन्दन।
आपको और आपके समस्त परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएंँ।

हेमचंद जैन
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिगंबर जैन महासभा।