तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष ने कहा : चल अचल तीर्थ पर हमले हमारे बिखराव के कारण?

तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष ने कहा – चल अचल तीर्थ पर हमले हमारे बिखराव के कारण?
दशलक्षण पर्व के दौरान विषय आया तो लिखना जरूरी हो गया

बिखराव किसका? समाज का या समन्वय के नाम पर जोड़ तोड़ से बनाई गई तीर्थ क्षेत्र कमेटी का, जिसके पदाधिकारी कुछ भी हो जाए लेकिन कही भी नजर नहीं आते क्योंकि विशेष अनुकंपा के आधार पर तीर्थ क्षेत्रों के संरक्षण का अनुभव ना होने पर भी पदासीन किया गया है।

हाल में ही 2 सितंबर को शिखर जी में टोंक की सीढ़ियों के बाहर 2 सितंबर को पर्यटक टेंट की वीडियो देखकर मन में पीड़ा, गुस्सा है और प्रश्न भी है क्योंकि इसमें गलती पुलिस की है या नहीं बाद की बात है लेकिन यह नहीं पता कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक मधुबन में 40 संस्थाओं और तीर्थ क्षेत्र कमेटियों द्वारा कितने गार्ड्स टोंको पर लगाए जाते है?

आज 9 दिन बाद भी कमेटी द्वारा न कोई बयान जारी किया गया ना किसी कार्यवाही का पता?

पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 5 जनवरी 2023 को शिखर जी के लिए जारी निर्देशों का पालन कौन करवाएगा?

फिर से सवाल कमेटी से;
शिखर जी पर 13 अगस्त की निर्वाण लाडू से पहले गिरिडीह पुलिस प्रशासन से क्यों नहीं मिले?

गिरनार जी की पांचवी टोंक पर निर्वाण लाडू से पहले गुजरात मुख्यमंत्री, जैन गृह मंत्री, जूनागढ़ पुलिस प्रशासन से क्यों नहीं मिले?

शिखर जी में बलि प्रकरण में समय रहते कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? जबकि अन्य संस्थाओं ने पुरजोर विरोध किया।

तीर्थ क्षेत्र कमेटी के आगरा से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के सगे भाई राज्य सभा सदस्य बने लेकिन उनके माध्यम से कोई ज्ञापन सरकार को नहीं दिया गया लेकिन विपक्षी सांसद को निर्वाण लाडू के 7 दिन बाद ज्ञापन देकर फोटो प्रचार क्यों?

गत 8 महीनों में आज तक प्रमुख संस्थाओं और कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली मुंबई जैसे शहरों में तीर्थ क्षेत्रों के संरक्षण के लिए भावी योजनाओ पर कोई मीटिंग नहीं?

कमेटी के अध्यक्ष बाबू जी के साथ कभी कोई अन्य पदाधिकारी आज तक नहीं देखा लेकिन चुनाव से इनके साथ जुड़े 2 – 3 लोगो के साथ ही माला डलवाते या कुछ खास स्थानों पर ही इन्हे ही ले जाकर मीटिंग करते नजर आते?

अध्यक्ष बाबू जी दिल्ली के आसपास के कुछ खास स्थानों पर ही जाते और नाम के साथ जैन लगाने या संतवाद पर प्रवचन क्यों?

शिखर जी में पूज्य प्रसन्न सागर जी महाराज के प्रयास से कुछ समय पूर्व आपसी सहमति बनी थी उसमे आगे क्या प्रयास किए गए?

सैकड़ों मोटर साइकिल रोज पर्वत पर जाती है कोई कार्यवाही क्यों नहीं करवाई जाती?

ऊपर लिखे विषय के लिए क्षमा प्रार्थी हूं क्योंकि दिल्ली का एक जैन अखबार जो पिछली कमेटी पर प्रश्न चिन्ह लगाता था वो आज सिर्फ बचाता नजर आता है लेकिन समाज के प्रति जवाबदेही तो बनती है! उत्तम क्षमा
एक दुखी तीर्थ सेवक

मेसेज के साथ कमेटी की फोटो है कोई बता दे यदि इन्हें कमेटी बनने के बाद देखा हो तो