धर्म निरपेक्ष ‘नालंदा विश्वविद्यालय’ में पूर्ववत जैन दर्शन, जैन विद्या और
प्राकृत भाषा पाठ्यक्रम आरंभ करने की मांग

धर्म निरपेक्ष ‘नालंदा विश्वविद्यालय’ में पूर्ववत जैन दर्शन, जैन विद्या और प्राकृत भाषा पाठ्यक्रम आरंभ करने की मांग….

विश्व जैन संगठन
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पुरातत्व विभाग और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने यूनेस्को को लिखित में दी थी नालंदा विश्वविद्यालय में जैन ग्रंथ पढ़ाए जाने की जानकारी लेकिन वर्तमान में नहीं?
1749 करोड़ की केंद्र सरकार की राशि से निर्मित नालंदा विश्वविद्यालय में मात्र वैदिक और बौद्ध धर्म की ही शिक्षा, क्यों?

नालंदा में पुरातत्व विभाग ने खोजा था नालंदा विश्वविद्यालय के आरंभ होने के समय 4-5वी सदी का प्राचीन जैन मंदिर, 9-10 वी सदी की ऋषभदेव भगवान की प्रतिमा और अन्य जैन तीर्थंकर प्रतिमाएं

26 अगस्त 2010 को लोक सभा में चित्तौड़गढ़ सांसद डॉ गिरिजा व्यास ने लोक सभा में नालंदा विश्वविद्यालय विधेयक 2010 पर चर्चा में धर्म निर्पेक्षता के साथ जैन धर्म पढ़ाए जाने की थी अनुसंशा और बिहार में 2500 वर्ष पूर्व महिलाओं को जैन दर्शन की शिक्षा देने के लिए स्थापित “गुणशिला विश्वविद्यालय” और कुंडलपुर में शारीरिक प्रशिक्षण दिए जाने की दी थी जानकारी

नालंदा का जैन ग्रंथों, पुरातत्व विभाग की अनेकों रिपोर्टों में उल्लेख और भगवान महावीर द्वारा नालंदा में चातुर्मास किए जाने का उल्लेख लेकिन प्रधानमंत्री और बिहार मुख्यमंत्री द्वारा 19 जून 2024 को विश्वविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर यहां जैन धर्म के प्रचलन में होने की जानकारी न दिए जाना दुखद.